Friday, July 24, 2009

पता नहीं;ये चादर किसी के काम आ जाए !

जी चाहता है
जी चाहता है
कि जीवन का हर क्षण जी लूँ
और वह भी ऐसा जियूँ
कि जीवन का हर क्षण
सार्थक हो जाए
मुझसे किसी की
कोई शिकायत न रह जाए
*
जी चाहता है
कि जीवन का हर घूँट पी लूँ
और वह भी ऐसा पियूँ
कि हर घूँट ख़ुद तृप्त हो जाए
बस सारी तिश्नगी मिट जाए
*
जी चाहता है
कि जीवन की फटी चादर सी लूँ
और वह भी ऐसी सियूँ
कि उसका तार-तार चमके
उसकी हर किनार दमके
उसके बूटों में ख़ुशबू सी भर जाए
पता नहीं, यह चादर किसी के काम आ जाए !

Thursday, July 23, 2009

जल्दी ही मुलाक़ात होगी आपसे

जी चाहता है

आपसे बतियाने को,

अपने मन की,

अपने परिवेश की,

अपने शब्दों की

आपसे मुलाक़ात करवाने को.....

जल्दी मिलूंगा आपसे