मध्य-प्रदेश के ह्र्दय स्थल मालवा का बाशिंदा हूँ.जीविकोपार्जन हेतु कर-सलाहकार के रूप में विगत 50 वर्षों से सक्रिय.कविता,रेडियो प्रसारण,लेखन,लोक संगीत,मालवा की संस्कृति के क्षेत्र में लगातार कार्य.हिन्दी नाटक के विकास के लिये सतत हिस्सेदारी.इप्टा म.प्र.की शुरूआत में गहन प्रयास.मालवी में ग़ज़ल विधा में नये प्रयोग.
बचपन से रेडियो पर ख़ूब सुना है आपको.
ReplyDeleteआप हमारे मालवा का मान हैं.
आपकी रचनाओं का बेसब्री से इंतजार रहेगा
मिलने की बेसब्री से इंतजार है
ReplyDeleteहमें भी इंतजार रहेगा !!
ReplyDeleteइंतजार है।
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